कमर और पैरों के दर्द से परेशान हैं? रोज जाम में तो नहीं फंसते?

कमर और पैरों के दर्द से परेशान हैं? रोज जाम में तो नहीं फंसते?

सेहतराग टीम

बदलती जीवनशैली ने यूं तो कई तरह की बीमारियों का दायरा बढ़ा दिया है मगर आजकल 35 साल की उम्र से ऊपर वाले लोग भी कमर दर्द की शिकायत अकसर करते पाए जाते हैं। खासकर शहरों में ये समस्‍या ज्‍यादा देखने को मिल रही है। हमारा खान-पान तो इसकी वजह है ही, जिसके कारण देश की बहुसंख्‍यक आबादी के शरीर में कैल्सियम और विटामिन डी की कमी पाई जाती है मगर साथ ही रोजमर्रा की जीवनशैली भी इस समस्‍या को गंभीर बना रही है। खासकर बड़े शहरों में ट्रैफि‍क जाम की समस्‍या से रोज जूझने वाले लोग कमर और पैरों में दर्द की शिकायत अपेक्षाकृत कम उम्र में करने लगते हैं। आखिर ट्रैफि‍क जाम का कमर दर्द और पैरों के दर्द से क्‍या लेना देना है?

आमतौर पर महानगरों में लोगों के घर कार्यस्‍थल से कई किलोमीटर दूर होते हैं और ठीक-ठाक पैसे कमाने वाले लोग दफ्तर जाने के लिए अपनी कार या सार्वजनिक वाहनों में बस का इस्‍तेमाल करते हैं। उसमें भी दफ्तर जाने और आने के समय महानगरों में जाम की ऐसी भयानक स्थिति का सामना करना पड़ता है कि कई बार दस मिनट की दूरी भी घंटे या डेढ़ घंटे में पूरी होती है। अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं तो इस दौरान आपके पैर क्‍लच, ब्रेक और एक्‍सीलेटर पर ही होते हैं। इसके कारण धीरे-धीरे पैरों और एड़ियों में दर्द की समस्या हो जाती है। इसके आलावा गाड़ी चलाते वक्त लगातार सामने देखते रहने से गर्दन में अकड़न की समस्या होने लगी है। लगातार घंटों एक ही स्थिति में बैठे रहने से कमर भी अकड़ने लगता है और नतीजा उसमें भी दर्द शुरू हो जाता है।

डॉक्टरों के अनुसार जाम में ड्राइव करने के दौरान लगातार एक स्थिति में बैठे रहने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन स्लो पड़ जाता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसी वजह से जाम में फंसने से दिमाग गुस्‍से से भरने लगता है और धीरे-धीरे लोग ब्‍लड प्रेशर के शिकार हो जाते हैं। शुरू-शुरू में तो लोग परेशानियों को समझ नहीं पाते हैं लेकिन बाद में यही बड़ी समस्या बन जाती है। अकसर ये दिक्कत 20 से 40 वर्ष के युवाओं में अधिक देखी जा रही है। जाम में लगातार ड्राइव करने से हाथों और गर्दन का दर्द सर्वाइकल का रूप ले सकता है। इसके अलावा शोर और ट्रैफिक के बीच सफर करने से लोगों पर मानसिक असर भी पड़ रहा है। चिड़चिड़ापन आम हो गया है, जिसका असर काम पर होता है।

जब भी आप घर से बाहर निकलते होगें तो यही सोचते होंगे की ट्रैफिक जाम न मिले, क्योंकि आज की तारीख में महानगरों में ट्रैफिक जाम सबसे बड़ा सिरदर्द बन चुका है। कभी-कभी तो ट्रैफिक जाम की वजह से घंटों बर्बाद हो जाते हैं। ट्रैफिक जाम की समस्या लगभग हर जगह है। लेकिन कुछ बड़े राज्यों जैसे दिल्ली में ट्रैफिक जाम लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। ड्राइविंग करने वाले लोगों में कमर दर्द, गर्दन दर्द, एड़ियों और पैरों में दर्द आम बात हो गयी है।

 

इस प्रकार पा सकते हैं राहत:

कार पूल करें। इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी आराम मिलेगा

नियमित रूप से व्‍यायाम, शरीर के विभिन्‍न अंगों को हिलाना और तेज चलना या दौड़ना

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग ज्यादा

ड्राइविंग के दौरान बीच-बीच में बॉडी को स्ट्रैच करें

कमर और गर्दन को सही पोस्चर में रखें

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।